मार्कशीट के नंबरों से क्या तू मेरा कद आंकेगा ।
पढ़ाई में नहीं पर स्कूल में मेरा जलवा पाएगा।।
नंबरों का क्या है ऊपर नीचे होते रहते हैं जनाब,
जिंदगी के सफर में मेरा हुनर ऊंचाई दिलाएगा।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
मार्कशीट के नंबरों से क्या तू मेरा कद आंकेगा ।
पढ़ाई में नहीं पर स्कूल में मेरा जलवा पाएगा।।
नंबरों का क्या है ऊपर नीचे होते रहते हैं जनाब,
जिंदगी के सफर में मेरा हुनर ऊंचाई दिलाएगा।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
ऐ कोरोना तुझे ज़रा पता नहीं,
वो गए जरूर पर दिल से नहीं ।
# Tribute to Rahat Indori Ji
This is an infinite positive energy which motivate us to do our work successfully.
एक अनन्त सकरात्मक ऊर्जा जो हमारे कार्य को फलित करने हेतु निरन्तर हमे प्रोत्साहित करती है और हमे कभी हारने नही देती ।
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By Amit Chandrawanshi
श्री रामजी जिस दिन लौटे थे अयोध्या नगरी ।
जनता खुशी से नाच उठी थी उस पल सबरी ॥
नगर-नगर ग्राम-ग्राम हर घर-घर दीप जला ।
खुशी दौर नभ थल जल पाताल धरा स्वर्ग चला॥
उठा हर घर-घर चमक बुराई सारी मिट गई ।
नव रंग अब छाने लगा धरा मंगलमय भई ॥
देव नर मुनि जीव-जड़ सब झूम खूबहि उठही ।
बाल -युवा- वृद्ध -पंछी सब प्रभु गुणगान गावही ॥
तरु -फूल -फल- पानी- शाखा -जड़ प्रभु नाम जपही ।
मधुर स्वर हर कण- कण से पल- पल फूटन लगही ॥
शीतल सुगंधित मंद पवन सुख रस इत-उत बहावहीं।
नभ घन वसन पहन दे शीतलता छाया अति बनावहीं॥
हर घर -घर गली -गली फैले दीप दीप दीपावली ।
रौनकता -चहलता -नवीनता उमंग हवा जगह- जगह चली ॥
आनंदमय -मंगलमय -रसमय पावन वातावरण दिशि- दिशि समाही ।
दिवस कार्तिक मास अमावस्या अमित खुशहाली प्रकाश देत गवाही ॥
कवि – अमित चन्द्रवंशी
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