मुस्कुराने को अब हम वजह ढूंढते हैं ।
तुम्हें देखने नयन हर जगह ढूंढते हैं।।
बड़े वेबफा निकले वो।
कई वादे तोड़ चले वो।।
कई बरसों से न मिले,
नेता हरामी निकले वो।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
#मतदान जरूर करें
वो बरसों बाद हमसे मिले इस कदर ।
कि हमारे बिना उनपे बरसा था कहर।।
वो पैरों से लिपट कर बोले कुछ इस तरह,
मर जायेंगे भैया जो वोट न दिया अगर।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
#मतदान जरूर करें
जिससे मिलने के लिए तरसता था सारा मोहल्ला।
बस एक बार बात करने के लिए हो जाता था हो हल्ला।।
वो आज मिले भी तो बस एक बात ही बोले हमसे,
‘हमें ही वोट देना’ चीख़ चीख़ के बोले वो गल्ला।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
#मतदान जरूर करें
जिसको देखने को तरसे हमारे नैन लगातार।
जिनसे मिलने को जतन किये बार-बार।।
जिसने कई कसमे खाई थी हमारे संग,
वो मिले तो फिर वोट माँग गए एक बार।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
#मतदान जरूर करें
मैं नाहक उसे हमदर्द कहता रहा।
वो पानी मे जहर देके पिलाता रहा।।
कवि – अमित चन्द्रवंशी
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