आजकल के बच्चे(कविता)

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आजकल के बच्चों को नहीं चाहिए खिलौने।
हो गए हैं वो आजकल बहुत ज्यादा ही सयाने॥

वो बात हुई पुरानी जो बच्चों की जिद थी अनूठी।
अब तो ऐसी-ऐसी जिदे हैं जो न हो सके झूठी॥

पहले कहता था बच्चा चाँद मुझे ला दो।
अब कहता है मुझे iPhone 7 दिला दो॥

किताबों में चित्र देख जो वो खुश होते थे।
भूलो वो photo अब वो selfie को रोते हैं॥

वो बात हुई पुरानी जो नानी सुनायें कहानी ।
अब तो है colourful video चलानी॥

पहले जो कहता था मुझे लोरी सुना दो।
अब कहे DJ वाले बाबू वाला गाना चला दो॥

अब हो गया पुराना गुडडे गुड़ियों का खेल।
अब है FACEBOOK और  WHATSAPP का मेल॥

कहाँ है अब वो राजा और कहाँ है अब वो रानी।
अब है बस बच्चों की दुनिया टीवी की दीवानी॥

पहले तो होती थी धूल से लथपथ पूर्ण काया।
आज कल के बच्चों पर डियो बाॅडी पे छाया॥

पहले के बच्चों को fool बना लेते थे सहज।
पर अब वो Google कर लेते हैं मिनटों में महज॥

अमित‘ आजकल के बच्चों को नहीं चाहिए खिलौने।
अब वो हो गए हैं technology में जन्मे सयाने॥

रचयिता – अमित चन्द्रवंशी

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